तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को सेना का एक एमआई-17वी-5 हेलीकाप्टर क्रेश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे सीडीएस बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई मौत के बाद पूरे राज्य में भी शोक की लहर है उनके गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है राज्य में तीन दिनों का शोक रखा गया है साथ ही विधानसभा में सत्र के दौरान सभी दिवंगतों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई बता दें कि दिसंबर 2019 को जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी की (सीडीएस) नियुक्त किया गया था। उन्होंने जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई थी। आइए जानते हैं कैसा रहा है जनरल बिपिन रावत का करियर और किन काबिलियत के दम पर उन्‍होंने पाया था यह मुकाम

तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना के एमआई-17वी-5 हेलीकाप्टर क्रेश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे सीडीएस बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई मौत के बाद पूरे राज्य में भी शोक की लहर है उनके गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है राज्य में तीन दिनों का शोक रखा गया है सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। दिसंबर 2019 को जनरल बिपिन रावत को देश का पहला (सीडीएस) नियुक्त किया गया था। उन्होंने जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई थी।

आईए एक नजर डालते हैं सीडीएस बिपिन रावत के सफर के बारे में

1-उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में बिपिन रावत का जन्म हुआ था।

2-इनके पिता एलएस रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर थे।

3-रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक उपाधि प्राप्त की।

4-आईएमए देहरादून में ‘सोर्ड आफ आनर’ से सम्मानित किए जा चुके हैं रावत।

5-साल 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मिडिया अध्ययन में पीएचडी की।

6-01 सितंबर 2016 को रावत ने सेना के उप-प्रमुख के पद की जिम्‍मेदारी संभाली थी।

आईए एक नजर जनरल रावत को मिले सम्मान पर

1-परम विशिष्ट सेवा मेडल

2-उत्तम युद्ध सेवा मेडल

3-अति विशिष्ट सेवा मेडल

4-विशिष्ट सेवा मेडल

5-युद्ध सेवा मेडल

6- सेना मेडल

बता दें कि उत्तराखंड राज्य में तीन दिनों का शोक रखा गया है साथ ही विधानसभा में सत्र के दौरान सभी दिवंगतों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई इसके साथ ही तमाम राजनीतिक दलों ने भी सभी दिवंगतों को श्रद्धासुमन अर्पित किये जनरल बिपिन रावत का सपना था कि वह सेवानिवृति के बाद अपने पैतृक गांव में सड़क बनाने के साथ ही कॉलेज भी बनाएंगे उनके जीते जी यह सपना तो पूरा नहीं हो पाया लेकिन अब उत्तराखँड कांग्रेस ने फैसला लिया है कि वह जनरल बिपिन रावत के सपनों को पूरा करेंगे

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