विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज से पर्यटकाे के लिए खोल दी गई है। फूलो के शौकीन पर्यटक अब घाटी मे फूलो के दीदार कर सकेगे अब कोविड़ 19 की सशर्त शर्तो पर ही पर्यटक घाटी मे प्रवेश करगे इस के लिए दिशा निर्देश जारी किए है ।
देश के विभिन्न राज्यों से यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को काेरोना नेगेटिव प्रमाण पत्र दिखाना होगा,साथ ही ई – पास बनाना होगा फूलो की घाटी समुद्र तल से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर 2-4 कि.मी.के दायरे मे फैली हुई है 06 नवंबर 1982 को इसे राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया 2004 मे यूनेस्को ने फूलो की घाटी को विश्व धरोहर घोषित किया सीजन मे यहां 500 से आधिक प्रजाति के रंग – बिरंगे फूल खिले रहते है जिसमे जापान का राष्ट्रीय पुष्प बूलूपापी तथा उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल भी शामिल है इस समय घाटी मे 50 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हुए है
प्रति बर्ष यह घाटी 01 जून को पर्यटको के लिए खोल दी जाती है जो अक्टूबर माह तक खुली रहती है बीते बर्ष 1 अगस्त को इस घाटी को पर्यटकों के लिए खोला गया था
ऋषिकेश – बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोविंद घाट से 19 किलोमीटर की पैदल चड़ाई पार कर यहां पहुंचा जाता है
बर्ष 2019 मे 17 हजार 640 पर्यटक पहुचे साल 2020 मे यहां 932 पर्यटक पहुंचे थे जिसमे 11 विदेशी शामिल थे जिन से पार्क प्रशासन को 1 लाख 42 हजार 900 से अधिक की आय हुई