गुरुअरदास,शबद,कीर्तन एवं गुरुवाणी के साथ सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री हेमकुण्ड साहिब के कपाट आज प्रातः 10 बजे श्रद्धालुओं के खोल दिये गए,इसी के साथ लक्ष्मण (लोकपाल ) मंदिर के कपाट भी विधि विधान व पूजा अर्चना के साथ श्रद्धालुओ के लिए खोल दिये गए,इस अवसर पर बड़ी संख्या मे श्रद्धालु मौजूद थे हेमकुंड साहिब के मुख्य ग्रंथी ने दोपहर 12.30 बजे इस बर्ष की पहली अरदास की
समुद्र तल से पंद्रह हजार 197 फीट की ऊंचाई पर सिखाे का पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब है,जो सात बर्फीली चोटियां और सरोवर से घिरा हुआ है यहां प्रति वर्ष लाखों की संख्या में देश- विदेश से सिख तीर्थ यात्री पहुंचते हैं
इस तीर्थ स्थल की खोज पांचवे दशक में सरदार मोदन सिंह द्वारा की गई, इसी स्थान पर हिन्दुओं के लोकपाल लक्षमण का मंदिर भी है मान्यता है कि यहां पर लक्षमण जी जो शेषनाग के अवतार थे, ने तपस्या की थी हेमकुंड साहिब तथा लक्षमण मंदिर के कपाट एक ही दिन खुलते है ऋषिकेश – बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोविंद घाट से 21 किलोमीटर की पैदल चड़ाई पार कर यहां पहुंचा जाता
कोरोना संकट के कारण इस बार
हेमकुंड के कपाट साड़े तीन माह बाद खुल रहे है बीते बर्ष यात्रा एक महीने और 6 दिनों तक चली जिस मे 8 हजार श्रद्धालु पंहुचे थे यात्रा पर आने वाले प्रत्येक श्रद्वालु को पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट वाले श्रद्वालुओं को ही यात्रा की इजाजत रहेगी और एक दिन में अधिकतम 1000 श्रद्वालुओं को ही अनुमति दी जाएगी।