सिलक्यारा सुरंग हादसे वाली जगह पर बना वो मंदिर तो आपको याद ही होगा जहां ऑस्ट्रेलियाई सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने पूजा की थी। ये मंदिर बाबा बौखनाग का था। बाबा बौखनाग की पूजा की गई और उसी वक्त मनौती के तौर पर मंदिर बनवाने का वादा भी किया गया। अब नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने भूमि पूजन किया है।सिलक्यारा सुरंग निर्माण करने वाली नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने सोमवार को सिलक्यारा सुरंग के मुहाने के निकट बौखनाग देवता मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। इस कार्यक्रम में नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के अधिकारी शामिल हुए। भले ही अभी मंदिर का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है। मंदिर के लिए पहले भूमि विकास का कार्य किया जाना है।

सुरंग में कैविटी उपचार और निर्माण की अनुमति मिलेगी। अभी सिलक्यारा पोलगांव बडकोट सुरंग में सन्नाटे की स्थिति है। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल निकाले जाने का कार्य पूरा होने पर 1 दिसंबर को नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी बौखनाग टॉप स्थित मंदिर में पहुंचे। जहां उन्होंने सिलक्यारा सुरंग के पास भव्य मंदिर बनाए जाने का भी आश्वासन दिया। गौरतलब है कि सिलक्यारा सुरंग में जब श्रमिक फंसे तो तब स्थानीय निवासियों ने नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी से स्थानीय देवता बौखनाग से कामना करने को कहा है। कंपनी के अधिकारी बौखनाग देवता के पुजारी के पास भाटियागांव भी पहुंचे। इसके साथ ही सुरंग के पास एक छोटा मंदिर भी कंपनी ने स्थापित किया। इस मंदिर में सुबह और शाम के समय नियमित पूजा अर्चना चल रही है।रेस्क्यू सफल होने पर मंदिर बनवाने का किया गया था वादा

नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग में खोज बचाव के सफल होने की बौखनाग देवता से कामना की गई थी। कंपनी की ओर से मंदिर निर्माण का वचन दिया गया था। इसलिए सोमवार को सिलक्यारा सुरंग के पास मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन का दिन पहले से ही तय था। हादसे के बाद से ही अभी सुरंग का निर्माण बडकोट और सिलक्यारा की ओर से बंद है। सभी मशीन बंद हैं। जब सुरंग में काम करने की अनुमति मिलेगी। तब मशीनों के जरिये मंदिर निर्माण के लिए स्थल विकास का कार्य किया जाएगा। राजेश पंवार ने बताया कि निर्माण कब शुरू होगा कुछ पता नहीं है। बस इंतजार किया जा रहा है।