उत्तराखंड में राज्य कर्मी और शिक्षकों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने पहले से दूसरे प्रमोशन पर 50 प्रतिशत दुर्गम क्षेत्र में अनिवार्य सेवा की शर्त से कर्मियों-शिक्षकों को राहत दी है। इसके तहत सरकार ने 30 जून 2022 तक अनिवार्य सेवा शर्त से छूट दे दी गयी है।

दरअसल तबादला एक्ट में प्रमोशन के दौरान दुर्गम सेवा की अनिवार्यता को जोड़ा गया है, लेकिन राज्य में पिछले 2 सालों में महज 10% तबादले ही हो पाए हैं जबकि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार सत्र को शुन्य करना पड़ा है। ऐसे में कर्मचारी संगठन सरकार से 50 फ़ीसदी की अनिवार्य सेवा दुर्गम में बिताने को लेकर अपना विरोध जताते रहे हैं।

खास बात यह है कि काफी समय से सरकार को अनिवार्य दुर्गम सेवा पर अपनी बात रखने के बाद अब सरकार ने भी इस बात को समझा है और इस सेवा शर्तों में संशोधन की सहमति जता दी है।

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