आज चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन स्कंदमाता की पूजा विशेष रूप से जाती है। स्कंद माता को भगवान कार्तिकेय की माता माना गया है। देवी मां दाएं हाथ के नीचे वाले हाथ में भगवान स्कन्द यानी कार्तिकेय को गोद लिए हुए दिखाई देती हैं। इनके हाथों में कमल का फूल और वरदान देने वाली मुद्रा है। स्कंद माता भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करने वाली मानी गई हैं।

पुराने समय में जब देवताओं और असुरों का युद्ध हुआ था, उस समय कार्तिकेय स्वामी को देवताओं का सेनापति बनाया गया था। शिव जी और पार्वती जी के पुत्र कार्तिकेय का एक नाम स्कंद भी है। स्कंदमाता के चारों ओर सूर्य जैसा तेज दिखाई देता है। स्कंदमाता की उपासना से भगवान स्कंद के बाल स्वरूप की पूजा होती है। देवी का वाहन सिंह है।

स्कंदमाता की पूजा से मिलते हैं ये लाभ

स्कंदमाता की पूजा से भक्त का मन एकाग्र होता है। इनकी पूजा से शांति और सुख मिलती है। ज्ञान में बढ़ोतरी होती है। सभी तरह की बीमारियों और कमजोरियों का अंत होता है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *