पिथौरागढ़ः उत्तराखंड में राज्य सरकार जहां पांचवें सैन्य धाम का निर्माण के लिए प्रत्येक शहीद परिवार से मिट्टी ली जा रही है। भाजपा द्वारा उत्तराखंड में सैन्य धाम बनाए जाने को लेकर निकाली गई शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत  की गई है। तो वहीं अब शहीद के परिवार सरकार पर वादे पूरे न करने और अनदेखी का आरोप लगाकर अपने आंगन की मिट्टी देने से इंकार कर रहे है। पिथौरागढ़ जिले से ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एकमात्र अशोक चक्र विजेता शहीद बहादुर सिंह रावल के परिजनों और ग्रामीणों ने शहीद सम्मान यात्रा का विरोध करते हुए सैन्य धाम निर्माण के लिए आंगन की मिट्टी उठाने से मना कर दिया। मिट्टी लेने गए अधिकारियों के सामने परिजन व ग्रामीण धरने पर बैठ गए।

शहीद के परिवार का कहना है कि शहादत के समय उनसे बड़े-बड़े वादे कर शहीद के नाम की सड़क बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन सालों बाद भी सड़क नहीं बन सकी।इतना ही नहीं शहीद के नाम पर स्कूल का नाम रखे जाने, मिनी स्टेडियम बनाए जाने और उनकी पत्नी को नौकरी देने की बात कही गई थी, लेकिन 6 साल बाद अभी तक उनके बेटे की शहादत को श्रद्धांजलि नहीं मिली, क्योंकि जो घोषणाएं सरकार ने की थीं वो आज हवा हवाई हो गई हैं। ऐसे में वो अपने आंगन से मिट्टी उठाने की इजाजत नहीं देंगे। राज्य सरकार शहीद का सम्मान करना भूल गई है।

वहीं शहीद मोहन नाथ गोस्वामी की मां राधिका देवी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 6 साल पहले उसके बेटे ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर किया, उस दौरान कई नेता, अधिकारी, मंत्री और खुद मुख्यमंत्री उनके घर पहुंचे थे और कई घोषणाएं की थीं, जो आज तक पूरी नहीं हुई हैं। वहां पहुंचे अधिकारी लंबे समय तक परिजनों व ग्रामीणों को मनाते रहे, लेकिन वे सड़क निर्माण की मांग पर अड़े रहे। अंत में अधिकारियों को मायूस होकर लौटना पड़ा।विरोध बढ़ता देख उच्च अधिकारियों और सरकार के जनप्रतिनिधियों ने फोन पर सांसद अजय टम्टा और शहीद की मां की वार्ता करवाई, सांसद टम्टा ने उनकी मांगों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया, तब शहीद के घर से मिट्टी उठाई जा सकी।

 

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *