उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे भाजपा के अपने ही विधायक और मंत्री पार्टी के सामने मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं अभी भाजपा में विधायक उमेश शर्मा काऊ का मामला भी शांत नहीं हुआ था कि अब कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच चल रही तकरार खुलकर सामने आ गई है हरक सिंह रावत ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि उनकी वजह से त्रिवेंद्र सिंह रावत आज मुख्यमंत्री बने है क्योंकि ढैंचा बीज घोटाले को लेकर पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा त्रिवेंद्र की गिरफ्तारी की फाईल तैयार कर ली गई थी लेकिन उनके कहने पर त्रिवेंद्र के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई इतना ही नहीं हरक ने साफ कहा की वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के लिए आये थे मंत्री बनने के लिए नहीं हरक के इस बयान के सामने आने के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल करने में लगी हुई है जबकि विपक्ष हरक के बहाने बीजेपी को घेरने में लगा हुआ है आज इसी पर करेंगे चर्चा की क्यों आखिर हरक अपनी ही पार्टी को असहज करने में लगे हुए है
उत्तराखंड में 2022 का चुनावी दंगल बेहद करीब आता जा रहा है समय बीतने के साथ साथ चुनावी साल में राज्य की राजनीति में कई बड़े खुलासे और उतार चढ़ाव देखे जा रहे हैं जिससे राजनीतिक पारा काफी बढ़ गया है ऐसा ही पारा कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के एक बयान से बढ़ गया है दअरसल कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपनी ही पार्टी के विधायक और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर एक इंटरव्यू के खुलासा करते हुए उन्होने दावा कि कांग्रेस शासनकाल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ढ़ेंचा बीच घोटाले में त्रिवेंद्र की मुकदमें की फाईल तैयार कर ली थी लेकिन उन्होने फाईल को रूकवा दिया अगर वो ऐसा ना करते तो त्रिवेंद्र सिंह रावत आज जेल में होते और वो कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाते इतना ही नहीं हरक सिंह रावत ने साफ कहा कि वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के लिए आए थे मंत्री बनने के लिए नही
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस बयान के सामने आने के बाद राज्य की सियासत गर्मा गई है बीजेपी फिल्हाल डेमेज कंट्रोल करने में लगी हुई है
कुल मिलाकर हरक सिंह रावत के इस बयान ने चुनाव से पहले पार्टी को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है बीजेपी को ना उगलते बन रहा है ना निगलते इतना ही नहीं हरक ने एक तीर से दो निशाने लगाने की भी कोशिश की है जिसमें एक तरफ तो वो त्रिवेंद्र सिंह रावत को घेर रहे हैं तो दूसरी ओर हरीश रावत पर एक भ्रष्टाचारी को बचाने का भी आरोप लगा रहे हैं हरक के बयान से ये भी साफ है कि भीतरी तौर पर वह मंत्री पद से खुश नहीं है उनके दिल में मुख्यमंत्री ना बनने की टीस जरूर है जो अभी तक उन्हें सता रही है इससे भी बड़ी बात ये है कि हरक ने त्रिवेंद्र को सताने के लिए ढ़ेंचा बीच घपले की जिन्न बोतल से बाहर निकाल दिया है जो त्रिवेद्र सिंह रावत को बहुत सता रहा है ऐसे में देखना होगा कि अब पार्टी इन सब विवादों से कैसे बचती है और अब हरक का अगला कदम क्या होगा इस पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई है