उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद (घन्ना भाई) दुनिया को अलविदा कह गए बीमारी से जूझ रहे हास्य कलाकार घनानंद ने देहरादून के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को अंतिम सांस ली अपनी प्रतिभा से सबको हंसाने वाले घनानंद आज सबको रुला गए। उनके यूं अचानक जाने से गृह क्षेत्र पौड़ी में भी शोक का माहौल है। परिजनों से लेकर उनके प्रशंसक और कलाकार जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है, लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने भी इस खबर पर गहरा दुःख जताया। लोक गायक अनिल बिष्ट ने उत्तराखंड फिल्म जगत के लिए बड़ी छती बताई है। उत्तराखंड रंगमंच के मझे हुए कलाकार घन्ना भाई का जन्म 1953 में पौड़ी के गगवाड़ा गांव में हुआ.उनकी शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी गढ़वाल से हुई। घनानंद उर्फ घन्ना भाई ने वन विभाग में अपनी सेवा देने के साथ ही साथ एक हास्य कलाकार के रूप में अपने सफर की शुरुआत की और राजनीतिक सफर में सक्रिय रहे। घनानंद विधानसभा का चुनाव भी पौड़ी से लड़े हालांकि वे जीत नहीं पाए वहीं भाजपा नेता के साथ वे प्रदेश लोक संस्कृति विभाग के उपाध्यक्ष भी रहे। घनानंद ने अपने कलाकार दौर की शुरुआत 1970 में रामलीला में नाटकों से की,1974 में घनानंद ने रेडियो और बाद में दूरदर्शन पर कई कार्यक्रम भी दिए। देहरादून के एक निजी अस्पताल में भर्ती घनानंद ने गुरुवार को अंतिम सांस ली, उनके यूं चले जाने से हर कोई स्तब्ध है।