देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही तीरथ सिंह रावत ने फ्रंट फुट पर खेलना शुरू कर रखा है। जो जनता को पसंद है प्रदेश में वही फैसले लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भी इस बात को साफ कर चुके हैं कि उत्तराखंड में जो जनता को पसंद है वही निर्णय लिए जाएंगे।
राज्य में बदलाव की बयार चल पड़ी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से त्रिवेंद्र राज में ताकतवर माने जाने वाले अफसरों और सलाहकारों की विदाई के बाद अब नौकरशाही में खलबली है। आने वाले दिनों में सरकार में बड़े प्रशासनिक फेरदबल के आसार जताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के मुताबिक, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को प्रशासनिक बदलाव के लिए होमवर्क करने को कह दिया गया है। अगले हफ्ते इस पर अमल शुरू हो सकता है।
वहीं इसके साथ ही त्रिवेंद्र सरकार में बनाए गए दर्जाधारियों में भी बेचैनी का आलम है। उनकी कुर्सी बचेगी या जाएगी, इसे लेकर भी निर्णय होना है। अभी सरकार के स्तर पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। जिस तरह से त्रिवेंद्र सरकार के प्रभावशाली सलाहकारों की छुट्टी की गई है, इसे देखते हुए कई दायित्वधारियों को भी अपनी कुर्सी खिसकने का खतरा सता रहा है। वैसे ऐसा बहुत कम होता है कि संगठन के जिन नेताओं को दायित्व दिया गया हो उन्हें मुख्यमंत्री बदलने पर हटाया गया हो। देखना होगा इस बार क्या होता..?