उत्तराखंड शिक्षा विभाग के अधिकारी कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर स्कूल खोले जाने को लेकर उलझन में है, कि आखिर किस तरीके से प्राइमरी स्कूलों को खोला जाए। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की तरफ से कल एक आदेश स्कूलों के समय सीमा खोले जाने को लेकर जारी हुआ था। जिसके तहत कक्षा 1 से 5 तक की स्कूल पूरे समय अवधि पर खोले जाने यह बात कही गई थी। जिसके बाद आदेश को लेकर सवाल उठने लगे थे कि जब प्रदेश में नाइट को भी कर्फ्यू और कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

तो आखिर बच्चों के स्कूल खोले जाने की समय कम किए जाने की बजाय बढ़ाई क्यों जा रही है। शिक्षा विभाग के इस आदेश के जारी होने के बाद जो किरकिरी हुई है उसके बाद अब एक और आदेश उत्तराखंड शासन से हुआ है। जिसके तहत कल जो आदेश शिक्षा सचिव के द्वारा जारी किया गया था उसे स्थगित किए जाने की बात आदेश में कही गई है। उत्तराखंड में जहां एक तरफ चुनावी माहौल गर्म होता जा रहा है।

तो वहीं, दूसरी तरफ लगता है कि बच्चों की फिक्र फिलहाल ज्यादा नजर नहीं आ रही है। यही वजह है कि कल से जिस आदेश को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे उस आदेश को 24 घंटे बाद निरस्त करवाना पड़ा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सभी का ध्यान अगर चुनाव की ओर है तो फिर कोरोना महामारी के दौरान आम जनता और स्कूल आने वाले बच्चों की सुरक्षा का ध्यान कौन रखेगा।

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