देश। केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में देश भर के बिजली कर्मचारी 28 व 29 मार्च को हड़ताल करने का फैसला लिया है। इस देशव्‍यापी हड़ताल का फैसला बुधवार को बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक में लिया गया है। इसलिए बताया जा रहा है कि इन दो दिनों में देश भर में बिजली की समस्या आ सकती है।

बिजली कर्मचारियों के साथ-साथ देशभर के श्रम संगठनों के कर्मचारी भी दो दिन की हड़ताल पर रहेंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रेसिडेंट शैलेंद्र दूबे ने बताया सभी बिजली कर्मचारी भी केंद्र सरकार की निजीकरण की नीति के विरोध में हड़ताल में शामिल होंगे।

जानिए क्या है मुख्‍य मांगें

शैलेंद्र दूबे ने बताया कि केंद्र की निजीकरण की नीतियों से कर्मचारियों में निराशा है। बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की मुख्य मांगें हैं कि बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 को वापस लिया जाए और सभी प्रकार की निजीकरण प्रक्रिया को बंद की जाए। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों खासकर मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली दमन दिउ तथा पुडुचेरी में बिजली के निजीकरण करने के निर्णय को तुरंत रद्द करे। बिजली बोर्डों के विघटन के बाद नियुक्त किए गए सभी बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *