देहरादून
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भारी बारिश के चलते आई आपदा मैं 15 व्यक्तियों की मौत हो गयी और 6 व्यक्ति लापता हैं। इस आपदा में 8 व्यक्ति घायल हुए हैं।उत्तराखंड के उत्तरकाशी की भयावह आपदा का जायजा मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में पहुंच कर लिया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज उत्तरकाशी के आपदा ग्रस्त इलाकों के दौरे पर गए थे।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा पीड़ितों को हरसंभव सहायता देने का घोषणा की।
आपदा प्रभावितों को 4- 4 लाख की सहायता देने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर, आपदा प्रभावितों के दुख को कम करने का भरोसा दिलाया। साथ ही पीड़ितों को हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिया है। हालांकि इस आपदा में करीब 70 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। जिसमें 15 व्यक्तियों की मौत, 6 व्यक्ति लापता, 8 व्यक्ति घायल हुए हैं।मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
आपदा प्रभावित क्षेत्र में हुए समस्त नुकसान का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर फीडबैक लिया। साथ ही मोटर मार्ग के पुल, पैदल पुल, सरकारी संपत्ति, सड़क, विद्युत पेयजल लाइनें के हुए नुकसान का समस्त ब्यौरा तलब किया। इसके साथ ही मृतको के परिजनों को मुआवजा राशि देने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए बल्कि राहत कार्यों को जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाने के भी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। ताकि जल्द से जल्द उत्तरकाशी के मोरे ब्लाक के सभी प्रभावित 51 गांव के ग्रामीणों का आम जनजीवन पटरी पर लाया जा सके।
अभी तक की गई कार्यवाही
आपदा प्रभावितों के लिए 1000 किलोग्राम राशन (आटा, दाल, चावल), 2000 फूड पैकेट्स, 5000 लिटर पानी एवं 16000 लीटर का टैंकर, 300 कंबल, 50 टेंट, दवाइयां, आस्का वा सोलर लाइट समेत अन्य आवश्यक वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में आराकोट, मोरि एवं ट्यूणी में भंडारित किया गया है।
प्रभावित गांवों में खाद्यान्न व पेयजल आपूर्ति हेलीकॉप्टर के माध्यम से की गई है इसके साथ ही कुछ गांवों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से उपरोक्त सामग्री पहुंचाये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये वितरित की जाएगी।
पशु, गौशाला एवं भवनों की क्षति का आकलन किया जा रहा है।
300 कर्मचारी खोज, बचाव एवं राहत कार्य में लगाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की चार टीमें क्षेत्र में लगाई गई हैं।
क्षेत्र में 10 हेलीपैड सक्रिय किए गए हैं तथा एटीएफ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में गैस सिलेंडर उपलब्ध है तथा आवश्यकता की स्थिति में ट्यूनी स्थित गोदाम से 150 गैस सिलेंडरों की व्यवस्था की गई है।
आराकोट में 150 कुंतल जलावन लकड़ी उपलब्ध कराई गई है।
राहत एवं बचाव कार्य हेतु भारतीय वायु सेना तथा नागरिक उद्यान के 4 हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग में आरा कोर्ट तक यातायात सुचारू हो गया है।
पुरोला क्षेत्र में अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए 6 जेसीबी, 2 पोकलैंड तथा एक कंप्रेसर काम कर रहे हैं
52 गांवो में से 40 में विद्युत आपूर्ति सुचारू हो गयी है एवं शेष 12 गांव में विद्युत आपूर्ति सुचारु किए जाने की कार्रवाई चल रही है।
12 गांव में जलापूर्ति बाधित होने के उपरांत अस्थायी जलपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में एसडीआरएफ के अंतर्गत आपदा, राहत एवं निर्माण के लिए 320 करोड रुपए की व्यवस्था की गई है।
15 जून से अभी तक राज्य में हुई आपदा के कारण 59 व्यक्तियों की मृत्यु, 55 व्यक्ति घायल, 12 लापता हुए हैं। इसके साथ ही 62 बड़े व 263 छोटे पशुओं की हानि भी हुई है।