राज्य की सक्रिय 4 हजार वन पंचायतों/इको समितियों के खाते में न्यूनतम 1 लाख की धनराशि डाली जाएगी जिससे वनाग्नि पर रोक लगेगी साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत जी ने वन विभाग के मंथन सभागार में वन अधिकारियों की बैठक ली, बैठक में वन विकास से सम्बंधित योजनाए, सेवा नियमावली, पदोन्नति में शिथिलीकरण एवं अन्य विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
बैठक में अधिकारियों द्वारा वनों के विकास से सम्बंधित योजनाए , रिक्त पदों की जानकारी एवं अन्य कार्यो का विवरण मा० मंत्री जी के समक्ष रखा।
मंत्री द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया कि जंहा भी खाली पद हो उन्हें जल्द से जल्द भरे जाने की प्रक्रिया पूरी करें साथ ही योजनाओं को गुणवत्तापूर्ण तरीके से तय समय मे पूरा कर ले। मंत्री जी द्वारा बैठक में कहा कि वनों के विकास , सरक्षण एवं संवर्द्धन में वन आरक्षियों (फारेस्ट गार्ड) की महत्वपूर्ण भूमिका है,बिना फारेस्ट गार्ड के किसी भी योजना को धरातल पर नही उतारा जा सकता है। वनों के विकास के लिए प्रदेश में बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया जाय।
मंत्री हरक सिंह ने घोषणा की कि वन पंचायतो की वनाग्नि को रोकने में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य की सक्रिय 4 हजार वन पंचायतों/इको समितियों के खाते में न्यूनतम 1 लाख की धनराशि डाली जाएगी जिससे वनाग्नि पर रोक लगेगी साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।