देहरादून
उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तराखंड सरकार के इस फैसले के तहत अगले 6 माह तक स्वास्थ्य विभाग में कोई भी संगठन या कर्मचारी हड़ताली आंदोलन नहीं कर पाएगा। राज्य सरकार ने यह फैसला क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में निजी अस्पतालों और डॉक्टरों की 25 दिसंबर से प्रस्तावित हड़ताल को देखते हुए लिया हैं। राज्य सरकार ने इस कड़ी में अति आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के तहत छह माह के लिए प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों और सभी चिकित्सा कर्मियों की हड़ताल निषिद्ध कर दी गई है।
शासन की ओर से इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। यही नहीं, स्वास्थ्य महानिदेशक ने भी अग्रिम आदेशों तक सरकारी डॉक्टरों व कार्मिकों की छुट्टियां रद कर दी हैं। स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा की ओर से इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार लोकहित में ऐसा करना आवश्यक है। शासन ने स्वास्थ्य विभाग में एस्मा के तहत सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों व राज्य के समस्त चिकित्सा कर्मियों की सेवाओं को आवश्यक घोषित कर उनकी हड़ताल को छह माह के लिए निषिद्ध कर दिया है। स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी सरकारी अस्पतालों के सीएमएस, एमएस व प्रभारी चिकित्साधिकारियों को पत्र प्रेशित किया है। इसमें अग्रिम आदेशों तक अपने अधीन कार्यरत किसी भी चिकित्साधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों का अवकाश, आकस्मिक स्थिति को छोड़कर किसी भी दशा में स्वीकृत न करने के निर्देश दिए गए हैं।