मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा, मैंने अफसरों को साफ कर दिया कि तुम किताब पढ़ो, मैं जनता के चेहरे पढूंगा। मुझे काम चाहिए, रिजल्ट चाहिए। वक्त कम है और चुनौती बड़ी है। तीरथ भाजपा प्रदेश कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने करीब एक घंटे के संबोधन में कार्यकर्ताओं की खूब वाहवाही बटोरी।

तीरथ ने कहा कि मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि यहां तक पहुंचूंगा। यह भाजपा में ही मुमकिन है। मैं तो एक माध्यम हूं, ये कुर्सी कार्यकर्ताओं की है। रैली में जुटी भीड़ कार्यकर्ताओं के दम पर है। मुझे यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि यह सबकुछ मेरी बदौलत है। उन्होंने कहा कि चारधाम की बैठक लेकर आ रहा हूं। मैंने अफसरों को साफ कर दिया कि ये किताबें किनारे रखो, हमें काम चाहिए। तुम किताब पढ़ो, हम जनता के चेहरे पढ़ेंगे।

मैंने पूछा है कि हर घर में जो नल लगाएंगे, उसमें पानी होगा कि नहीं। उन्होंने साफ कर दिया, 2022 तक हर घर नल और पानी होना चाहिए। हमारी सरकार ने एक रुपये में कनेक्शन देने का काम किया। चार वर्ष खूब काम हुए। कार्यकर्ताओं को इन कामों को जनता के बीच ले जाने में कंजूसी नहीं करनी चाहिए। सरकार ने जो काम किए हैं, कार्यकर्ता उसे जन-जन तक पहुंचाएगा और 60 सीटों का लक्ष्य हासिल करेगा।

पुराने कार्यकर्ताओं को पूछते नहीं, जो आज आए हैं वो आगे हैं
तीरथ ने पुराने कार्यकर्ताओं के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि तब गिनती के लोग थे, जिनके परिश्रम से हम यहां तक पहुंचे। तीरथ ने कहा कि बुरा मत मानना। जिन गिनती के लोगों से पार्टी यहां तक पहुंची वो पीछे हैं, जो आज आए, वो आगे हैं। हमें यह भ्रम नहीं पालना चाहिए। मैं ही यहां पर हूं। पीछे जो बैठा है कब आगे आ जाए, पता ही नहीं चलता। ये कुर्सी कार्यकर्ताओं की कुर्सी है। उनकी बदौलत मिली है। लेकिन आज उन कार्यकर्ताओं को पूछते नहीं।

सुबोध जी जब वहां थे कितना खर्च करते थे

मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को लेकर चुटकी ली। बोले, सुबोध जी, जब वहां थे, कितना खर्च करते थे। अब यहां हैं तो कुछ खर्च नहीं करना पड़ता। उनके इतना कहते ही ठहाके गूंज उठे। उन्होंने कहा कि आज वातावरण अनुकूल है और पार्टी 57 नहीं 60 सीटें जीतेगी।

कार्यकर्ता के बल पर कुर्सी पर बैठते हैं

उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। कार्यकर्ता के परिश्रम के बल पर हम लोग जीतते हैं। इस कुर्सी पर बैठते हैं। किसी के मन में यह भाव नहीं आना चाहिए कि मैं अपने बल पर कुर्सी पर बैठा हूं। मुख्यमंत्री हों, मंत्री हों, कोई भी हों, सबसे आगे कार्यकर्ता हैं। उन्होंने रैली की सफलता श्रेय कार्यकर्ताओं को दिया। उन्होंने कहा कि मैं कहूं कि ये मेरे कारण हुआ तो मुझे यह भ्रम नहीं पालना चाहिए। भ्रम पैदा हो गया तो शायद मेरा भी..। उन्होंने तंज किया कि दूसरे दलों में सात किमी रैली होती तो आखिर में दूल्हा-दूल्हा रह जाता।

मुकदमें वापस होंगे, कुंभ में कोई रोक टोक नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अफसरों ताकीद कर दिया है कि कोरोना में 4500 मुकदमे वापस होंगे और कुंभ में कोई रोक टोक नहीं होगी। उनके इस निर्णय संदेश गया है और बड़ी संख्या में लोग कुंभ में आए हैं। अखाड़ों में भी खुशी है। उन्होंने कहा कि मैंने विकास प्राधिकरण पर रोक लगा दी। इन प्राधिकरणों में तदर्थ पर लगे जेई एई के मजे लग गए। वे माल उड़ाए जा रहे। इनके प्लाट और कोठियां खड़ी हो गईं और जनता परेशान है।

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