उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की एंट्री के साथ ही राष्ट्रीय दल कांग्रेस और सत्ताधारी भाजपा भी चिंता में पड़ी हुई है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के उत्तराखंड में चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी की गतिविधियां तेज हो गई है। बड़ी बात यह है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उत्तराखंड के स्कूलों की दशा और दिशा को भी निशाने पर लिया है।

केजरीवाल की पार्टी उत्तराखंड के खस्ताहाल सरकारी स्कूलों की तस्वीरें दिखा रही है तो कहीं खुलेआम होती नकल को भी शिक्षा व्यवस्था की बदहाली से जोड़ रही है। इससे न केवल उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है बल्कि यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों पर भी सवाल उठना लाजमी है।

यूं तो अरविंद पांडे के नेतृत्व में शिक्षा विभाग प्रदेश में कुछ खास नहीं कर पाया है और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे भी जुमलेबाजी के अलावा अपने महत्वपूर्ण वादों को निभाने में नाकाम ही दिखे हैं। लेकिन कुछ शिक्षकों को इस बात का बुरा लगा है कि आम आदमी पार्टी सरकारी स्कूलों पर जोरदार हमला कर शिक्षकों की कार्यशैली को भी सवालों के घेरे में डाल रहे हैं। वैसे भी शिक्षकों की यह नाराजगी यदि ज्यादा फैली तो आम आदमी पार्टी के लिए आगामी चुनाव में कुछ मुश्किलें सामने आ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तराखंड में शिक्षकों की बड़ी भारी तादाद है और हजारों की संख्या में मौजूद यह शिक्षक किसी भी दल का राजनीतिक गणित को बिगाड़ने में अहम योगदान निभा सकते हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed