उत्तराखंड में डेंगू पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कुछ ऐसा बोल गए, जिसके बाद उनका विरोधियों के निशाने पर आना तय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू का उत्तराखंड में हवा बनाया गया है। जबकि उत्तराखंड में 6 मौतों में से एक भी मौत सरकारी अस्पताल में नहीं हुई है और निजी अस्पतालों ने इसमें खूब चांदी काटी है।
राज्य में इन दिनों स्वाइन फ्लू दस्तक दे चुका है। शुरुआती दौर में ही स्वाइन फ्लू से अब तक एक व्यक्ति की मौत होने की बात सामने आ रही है। शायद यही कारण है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वाइन फ्लू के शुरुआती चरण पर ही अधिकारियों की बैठक लेकर इसके रोकथाम पर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं। खास बात यह है कि स्वाइन फ्लू को लेकर हुई बैठक पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने स्कूलों में डॉक्टर्स और जिलाधिकारी को स्कूलों में जाने के निर्देश दिए हैं ताकि इसको लेकर जागरूकता फैलाई जा सके। लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री ने डेंगू पर बोलते हुए कहा कि डेंगू को मीडिया ने हवा बनाया है। जबकि सरकारी अस्पताल में अब तक एक भी मौत नहीं हुई है। डेंगू से हुई 6 मौतों में चार देहरादून के निजी अस्पतालों में जबकि 2 मौतें हल्द्वानी के निजी अस्पतालों में हुई है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों को इससे खूब फायदा हुआ है। इसमें मामूली से बुखार के लिए लोगों ने हजारों रुपए निजी अस्पतालों में गंवाए हैं।
देहरादून के सीएमओ डॉ एस के गुप्ता ने कहा कि स्वाइन फ्लू यह एक वायरस है। इसका कारण H1 N1  है। इसको 3 ग्रेड में बांट सकते हैं। समय से इसका इलाज शुरू करना जरूरी है। वही डेंगू को लेकर डॉ एसके गुप्ता ने कहा कि 6 मरीजों की मौत देहरादून में हुई है। हालांकि इस समय डेंगू के फीवर की केस कम हो रहे हैं। उनमें करीब 3 हज़ार के लगभग पेशेंट हैं। बुखार के मरीजों की संख्या अब धीरे-धीरे कम हो रही है।

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