संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देश हैं। यानी यह संगठन इतने ही देशों को मान्यता देता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक 187 देशों तक कोरोना वायरस पहुंच चुका है। चीन के वुहान शहर में पनपा कोरोना वायरस तेजी के साथ दुनिया भर के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। इसके बावजूद छह ऐसे देश हैं जहां कोरोना संक्रमण के एक भी मामले नहीं

प्राकृतिक आपदा झेलने वाले वानुआतू में नहीं पहुंचा कोरोना

वानुआतू (Vanuatu) : इस देश को कुछ लोग वनुआटू भी कहते हैं। वानुआतू भी प्रशांत महासागर में एक द्वीप है। इसकी राजधानी पोर्ट विला है। यहां मुख्य रूप से फ्रेंच, अंग्रेजी और बिसालामा भाषा बोली जाती है। इसका क्षेत्रफल 12,190 वर्ग किलो मीटर है। यहां की आबादी भी 246,000 है। इस देश में अक्सर भूकंप, ज्वालामुखी फटना, सूनामी जैसे प्राकृतिक आपदा आते रहते हैं। यहां साल 2016 में करीब एक तिहाई आबादी क़ुदरती आफत का शिकार हुई। 2015 में कुछ ही हफ्तों के अर्से में यहां भूकंप आया, ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ, तूफान आया। इतने खतरे झेलने वाला देश वानुआतू कोरोना वायरस से बचा हुआ है।

कोरोना से बचा हुआ है भारत का दोस्त तुवालू

तुवालू (Tuvalu): यह देश भी प्रशांत महासागर के द्वीप ही स्थित है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते इस देश के पूरी तरह से डूबने की बातें कही जाती रही है, लेकिन उल्टा इस देश का क्षेत्रफल तीन फीसद बढ़ गया है। तवालू का क्षेत्रफल प्राकृतिक रूप से बढ़ा है। तुवालू प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्व में स्थित है। इस देश का कुल क्षेत्रफल 26 वर्ग किमी है। यहां की आबादी महज 10 हजार है। इस देश का भारत के साथ काफी अच्छे रिश्ते हैं। हाल ही में इस देश ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का जोरदार स्वागत किया था। यह देश भी कोरोना से बचा हुआ है।

चीन का इस देश में खास दखल, पर कोरोना से अब तक बचा है

सोलोमन आईलैंड ( Solomon Islands): सोलोमन द्वीप पापुआ न्यू गिनी के पूर्व में मेलानेसिया में करीब एक हजार द्वीपों वाला एक देश है। यहां का क्षेत्रफल करीब 28,400 वर्ग किलोमीटर (10,965 वर्ग मील) है। यहां की आबादी करीब 1200 है इस देश की राजधानी गुआडलकैनाल द्वीप पर स्थित होनिअरा है। खास बात यह है कि इस देश ने 2019 में चीन के साथ अपने राजनयिक संबंध जोड़ लिए हैं। सामरिक दृष्टिकोण से यह देश काफी अहम है। सोलोमन सेंट्रल प्रोविंस ने तुलागी द्वीप पर चीन की कंपनी चायना सैम ग्रुप के साथ 22 सितंबर को एक “रणनीतिक सहयोग समझौता” किया है। इस द्वीप पर प्राकृतिक रूप से गहरे पानी में बंदरगाह है। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान यहां जापान का नौसैनिक अड्डा था और युद्ध के दौरान इसने कई भयानक लड़ाइयां देखी हैं। चीन से खास संबंध होने के बाद भी सोलोमन में कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं पहुंच पाया है।

हर रोज समोआ से ही विदा होते हैं सूर्य, अब तक बचा है कोरोना से

 

समोआ (Samoa): समोआ भी प्रशांत महासागर में एक छोटे द्वीप पर बसा देश है। इस देश की खास बात यह है कि यह द्वीप दुनिया की समय रेखा पर अंतिम देश हैं। हर रोज सूरज डूबने से पहले यहीं से दुनिया को अलविदा कहता है। यहां की आबादी करीब दो लाख है। यह न्यूजीलैंड से 1962 में स्वतंत्र हुआ। इसे नाविकों का देश कहा जाता है। इस देश में काफी संख्या में पर्यटक जाते हैं। पर्यटकों का यह देश कोरोना के संक्रमण से बचा हुआ है।

कोरोना से जंग के लिए तैयार है सेंट विंसेट एंड ग्रेनेजियन्स, पर अब तक नहीं पहुंचा वायरस

 

सेंट विंसेट एंड ग्रेनेजियन्स ( Saint Vincent and the Grenadines) : सेंट विंसेट एंड ग्रेनेजियन्स कैरिबियन राष्ट्र में स्थित सबसे छोटा द्वीप देश है। यहां के प्रधानमंत्री पिछले साल भारत आए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। यहां भारतीय लोगों की अच्छी खासी आबादी है, करीब छह फीसदी। यहां की जनसंख्या करीब 109,991 लाख है। यह वेस्टइंडीज के तहत आता है। यह देश भले ही प्राकृतिक आपदा झेलता है, लेकिन अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा हुआ है। हालांकि इस देश ने कोरोना को लेकर पहले से काफी तैयारियां कर ली हैं।

कोरोना से अमेरिका पस्त, उसी से आजाद हुआ पलाउ मस्त

 

पलाउ (Palau) : प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप पर यह देश बसा हुआ है। यह फिलीपींस के दक्षिण पूर्व और पापुआ न्यू गिनी के उत्तर में स्थित है। एक अक्टूबर 1994 को यह देश संयुक्त राज्य अमेरिका की गुलामी से आजाद हुआ। पलाउ का कुल क्षेत्रफल 459 वर्गकिलोमीटर है। पलाउ में अंग्रेजी और पलाउअन भाषा बोली जाती है। विश्व बैंक के मुताबिक पलाउ की आबादी महज 21,503 है। यह देश कोरोना वायरस की चपेट से बचा हुआ है।

कोरोना को रोकने में जुटी है पूरी दुनिया

कोरोना को रोकने में जुटी है पूरी दुनिया यूरोप में कोरोना वायरस महामारी से 30 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर बुधवार को समाचार एजेंसी एएफपी की गणना के अनुसार यूरोप में 4,58,601 मामलों में से रिकॉर्ड कुल 30,063 लोगों की मौत हुई है। इटली में सबसे अधिक मौतें हुई है जहां 12,428 लोग मारे गये है। इसके बाद स्पेन में 8,189 और फ्रांस में 3,523 लोगों की मौत हुई है। संयुक्त राष्ट्र में 135 से अधिक देशों द्वारा अनुमोदित एक प्रस्ताव में इस महामारी को रोकने, इसके प्रभाव को कम करने और इसे शिकस्त देने के लिये कहीं अधिक तीव्र अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अपील की गई है। इनमें सूचना का आदान-प्रदान, वैज्ञानिक ज्ञान और सर्वश्रेष्ठ गतिविधियां तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सुझाए गये संबद्ध दिशानिर्देश शामिल हैं।

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