भारत में शिक्षा पद्धति और शिक्षा के क्षेत्र में तमाम बदलाव की बातें कही जाती है। समय-समय पर इसको लेकर तमाम मंचों पर चिंतन और मंथन किये जाते रहे हैं। पूरे देश में सरकारी स्कूलों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है और यही वजह है कि इसको लेकर तमाम मंथन और चिंतन के दौरान यह बातें निकल कर सामने आती है कि शिक्षा जगत में काफी कुछ बदलाव की जरूरत है। बच्चों के भविष्य को गढ़ने का काम एक शिक्षक ही करता है ऐसे में गुरु के रूप में शिक्षक को आज के आधुनिक दौर में खुद को भी ढालने और संवारने की जरूरत है। हमारे देश में बहुत कम उदाहरण ऐसे देखने को मिलते हैं जहां शिक्षक एक मिसाल कायम कर लोगों के दिलों में अपनी जगह बना सके हों। आज के दौर में अगर गुरु और शिष्य की परंपरा की मिसाल देखने और सुनने को मिले तो और वह भी पूरे समाज के लोग शिक्षक को हाथों-हाथ उठाएं तो यह बहुत बड़ी बात है।
उत्तराखंड के एक ऐसे शिक्षक में पूरे शिक्षा जगत के लिए मिसाल कायम की है उसका नाम है आशीष डंगवाल। इस युवा चेहरे ने जो अपने क्षेत्र में कर दिखाया है उसकी बान की इन तस्वीरों में साफ दिख रही है। आशीष के ट्रांसफर होने के बाद पूरा गांव और क्षेत्र आखिर क्यों रो रहा है आशीष ने जरूर कुछ ऐसा किया होगा जो शिक्षा जगत के लिए एक मिसाल है और उस पूरे क्षेत्र के लोग आशीष को हाथों-हाथ ले रहे हैं। आशीष के विषय में हम आपको ज्यादा कुछ नहीं बताएंगे आप खुद ही उनके फेसबुक स्टेटस को पढ़िए और समझिए कि वह उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।