उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई आपदा ने तमाम घरों को तहस-नहस कर दिया। कई जिंदगियां अकाल मौत की आगोश में समा गई। आपदा के बाद एक ऐसा भी परिवार है जिसने सपने में भी नहीं सोचा वो होने वाला है। 13 साल बाद ये परिवार मुस्कुराएगा।
आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य करने वाले SDRF के जवान कुलदीप सिंह ने एक परिवार को ढेर सारी खुशियां दी हैं। हालांकि कुलदीप का काम ही है कि वह दूसरों का दुख दर्द बांटे और सबके चेहरों पर मुस्कान बिखेरे।
आपदा के दौरान जब SDRF टीम हिमाचल सीमांत गाँव किरानू आराकोट में रेस्कयू कार्य कर रही थी तभी SDRF जवान कुलदीप सिंह के सम्पर्क एक युवक आया। जो देख रहा था कि आपदा से पीड़ित प्रत्येक ग्रामीण इन्हें अपनी समस्या बता रहा है। उनका निदान्त करने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है।
युवक शीवाजन को उम्मीद नजर आयी युवक के आंखों में आंसू थे। मन मे आशाएं और जुवां में था मुझे अपने घर जाना हैं लेकिन कहां जाना मालूम नहीं।
कुलदीप ने जब पूरी जानकारी मालूम की तो पता चला कि आज से 13 साल पहले वह युवक अपने इलाके के कुछ मजदूरों के साथ यहां आया था। सेब की पैकिंग का काम करता था। एक दिन मजदूरों का मालिक से झगड़ा हो गया और वह 9 वर्ष के बच्चे को छोड़ रात को गाँव से चले गए।
युवक को अब अपने गांव, पिता का नाम इत्यादि कुछ भी स्पष्ट याद नही था। यादों के सरोवर को कुरेदने से जानकारी मिली कि घर के पास ही बड़े बड़े हवाई जहाज उड़ा करते थे।
सम्भावनाओं के पथ पर कुलदीप सिंह ने बिहार के बड़े-बड़े एयरपोर्ट के नजदीकी गावों को इंटरनेट मेप पर खोजना शुरू किया। मेहनत रंग लाई, सफलता का रास्ता मेहनत की पगडंडियों से गुजरा और युवक के बताए गाँव की तरह बतरजी की तरह ही बडेजी (bade ji ) गांव गया एयरपोर्ट के करीब दिखाई दिया।
कुलदीप के द्वारा निकटवर्ती पुलिस थाने मगध मेडिकल में सम्पूर्ण वित्तान्त सुना, सहायता चाही किन्तु टालमटोल के बाद यह क्षेत्र अन्य पुलिस थाने की होने की बात कह टाल दी गयी।
कुलदीप के द्वारा मुफासिल(muffasil )थाने में भी सम्पर्क किया किन्तु कोई संतोषजनक उत्तर प्राप्त नही हुआ। जिस पर SDRF जवान के ने गया (gaya ) SP सिटी को कॉल कर घटना से अवगत कराया। मेहनत का सार अंकुर फूटा और युवक शिवाजन के परिवार की जानकारी प्राप्त हो गयी।
युवक की अपने परिवार से फोन पर बातें भी हुई। 13 साल के बनवास के बाद अपने परिवार से मिलने की खुशी में युवक SDRF उत्तराखण्ड पुलिस को लाखों दुवाओं से नवाज रहा है। वहीं युवक की मां फूलादेवी अपने बेटे से मिलने को आतुर हैं और देहरादून बेटे रोहित मांजी के साथ आ रही हैं। सेनानायक तृप्ति भट्ट ने SDRF जवान कुलदीप को इस मेहनत और जागरूकता पर शाबासी दी ओर 2500 रुपये के नगद इनाम की घोषणा की है।