उत्तराखण्ड में एक बार फिर भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर आया है, इस बार प्रदेश के दो अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। मामले पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने को कहा है। सांसद मेनका गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि मेरी जानकारी में आया है कि उत्तराखण्ड भेड़ और ऊन विकास बोर्ड के सीईओ अविनाश आनंद ने विश्व बैंक से उत्तराखण्ड सरकार को मिले ऋण में करोड़ो का गबन किया है। अत: इस मामले की जांच सीबीआई, सीबीसीआईडी या ईडी से कराए जाए। मेनका गांधी सीईओ अविनाश आनंद पर यह आरोप लगाए हैं-

 

13 लाख से ज्यादा की लग्जरी कार खरीदी गई।

नोएडा में कोठी खऱीदी गई।

जानवरों के लिए पंजाब से दोगुने रेट पर खाद्यान खरीदा गया।

सक्षम अथॉरिटी से अनुमति नहीं ली गई।

बिना कोई पद सृजित किए बड़ी संख्या में पशु चिकित्सकों को डेपुटेशन पर लिया गया। जिस वजह से जिलों में कई पशुचिकित्सालय बंद हो गए।

बोर्ड में कंसल्टेंट नियुक्त किया गया जिसकी सैलरी मुख्य सचिव से भी ज्यादा है।

उन्होंने आस्ट्रेलिया से यूवा भेड़ों की जगह बूढ़ी भेड़ों को खरीदने का भी आरोप लगाया है।

बकरा-मीट शॉप शुरु की गई जो कि घाटा साबित हुई है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि जो भी घपले हुए हैं वह पशुपालन सचिव मीनाक्षी सुंदरम के बिना संभव नहीं हो सकते।

 

 

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