मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देर सांय मुख्यमंत्री आवास में वर्चुवली आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बोधिसत्व विचार श्रृंखला को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना के दो दशक के बाद उत्तराखण्ड युवा राज्य बन चुका है। पिछले दो दशकों में राज्य के विकास के लिये सतत् प्रयत्न किये गये हैं, जिनका असर धरातल पर दिखाई भी दे रहा है। इन दशकों में राज्य के विकास का आधारभूत ढ़ांचा बनाने के लिये भी कई पहलुओं पर प्रयोग हुए हैं। प्रदेश के सर्वागीण विकास के लिये एक दूरगामी योजना बनाने के लिये समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों एवं विषय विशेषज्ञों को सहयोगी बनाने का हमारा प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोगों ने देश व दुनिया में अनेक क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा एवं योग्यता से अपनी पहचान बनायी है। हमारा प्रयास है कि समाज के अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचे, विकास में उसकी भागीदारी सुनिश्चित हो, इसके लिये राज्य के सर्वागीण विकास की रूपरेखा के निर्धारण में विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों एवं प्रबुद्धजनों को सहयोगी बनाये जाने का हमारा प्रयास है। इसके लिये इस विचार श्रृंखला की शुरूआत की गई है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बोधिसत्व विचार श्रृंखला के मंथन से निकलने वाला अमृत राज्य के लिये हितकारी होगा। उन्होंने कहा कि विचार श्रृंखला में प्राप्त सुझावों के आधार पर कार्ययोजना तैयार की जायेगी।

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