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कोरोना वायरस के चलते देश मे हुए लॉक डाउन से ना केवल मजदूर वर्ग इससे प्रभावित हुआ है बल्कि लॉक डाउन के चलते सीमित सीजन में अपने व्यापार को चलाने वाले कहीं व्यापारियों को भी इससे काफी नुकसान हुआ है ।
दून समेत पूरे देश के एम्यूज़मेंट पार्क पर कोरोना के चलते बुरा असर पड़ा है सीजन के शुरुआत में ही लॉक डाउन की स्थिति बनने से मजदूरों का वेतन तक चुकाने में पार्क मालिकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ।
गौरतलब होगी एम्यूज़मेंट पार्क में सैलानी 15 मार्च से 15 जून तक आते हैं और यही इन व्यापारियों का सीजन होता है लेकिन लॉक डाउन के चलते इन पार्क मालिको को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है ।
लॉक डाउन से हो रहे नुकसान को लेकर इंडियन एसोसिएशन ऑफ एम्यूजमेंट पार्क एंड इंडस्ट्रीज ने पत्र लिखकर केंद्र और राज्य सरकार से पार्क मालिकों को इस साल व्यापार के लिए कुछ छूट देने की मांग की है।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ एम्यूजमेंट पार्क एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अजय सरीन ने बताया कि एसोसिएशन ने सरकार से मांग है कि जो भी यूनिट इस ईएसआई के अंतर्गत आती हैं उनके श्रमिकों को पूरा वेतन दिलाया जाए ताकि संचालकों के साथ-साथ श्रमिकों को भी राहत मिल सके।
अजय सरीन ने बताया कि मौजूदा समय में पार्क एसोसिएशन सरकार के साथ खड़ी है लेकिन इस साल के सीजन से उन्हें बेहद कम उम्मीद है लिहाजा सरकार को ध्यान देना चाहिए और एम्यूज़मेंट पार्क के बिजली मैं उनको छूट दी जानी चाहिए या फिर सरकार बिजली के भुगतान को माफ कर दे इसके साथ ही उन्होंने सरकार से माँग कि इस वर्ष के जीएसटी को सरकार माफ करें ताकि उनके इस सीजन में हुए नुकसान से वह उभर पाए।
अजय सरीन का प्रेम नगर मैं एम्यूज़मेंट पार्क है। सीजन में 35 से 40 कर्मचारी काम करते थे लेकिन सीजन ना होने के चलते उन्हें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और इस सीजन में उन्हें काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है ऐसे ही कहीं और व्यापारी हैं जिन्हें लॉक डाउन के चलते काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दें देहरादून में तीन एम्यूज़मेंट पार्क हैं लेकिन लॉक डाउन के चलते यह भी पूरी तरीके से बंद है और यदि लॉक डाउन खुलता भी है तो उसके बाद भी लोग अब सार्वजनिक स्थानों पर जाने से डरेंगे, यानी ये कहा जा सकता है कि यह वर्ष इन व्यापारियों के लिए काफी नुकसान दाई साबित हुआ ऐसे में सरकार को जरूरत है की इन व्यापारियों की मांगों पर ध्यान दे और इनके लिए कोई रास्ता निकालें