2014 के बाद गैरसैंण को लेकर ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब एक साल के भीतर विधानसभा का एक भी सत्र गैरसैंण में आयोजित नहीं होने जा रहा है,दिसम्बर माह में विधान का शीतकालीन सत्र होना है जो देहरादून में ही आयोजित होगा,सत्र गैरसैंण में न होने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच अब तकरार भी देखने को मिल रही है। गैरसैंण में साल में एक बार सत्र आयोजित करने का सिलसिला इस साल थमने जा रहा है जी हां इस साल सरकार ने अभी तक दो सत्र आयोजित किए है जो देहरादून में ही आयोजित हुए,ऐसे में कायास लगाएं जा रहे थे कि शीतकालीन सत्र सरकार गैरसैंण में आयोजित कराएंगी,विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने इसको लेकर सीएम से बात भी की और सीएम से मांग भी की कि गैरसैंण में दिसम्बर माह में होने वाला सत्र अयोजित कराया जाएं,लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का गैरसैंण में सत्र आयोजित कराने को लेकर 4 दिन की भीतर दोहरा रवया सामने आया है,गैरसैंण में विधानसभा अध्यक्ष के द्धारा सत्र कराएं जाने की मांग लेकर पहले मुख्यमंत्री ने जहां विधान सभा अध्यक्ष को निर्देश देने की बात की और फिर सत्र कराएं जाने की बात कही वहीं विधानसभा अध्यक्ष के द्धारा मीडिया के सामने सरकार को निर्देश देने के बाद मुख्यमंत्री के सुर बदल गए,अब मुख्यमंत्री का कहना है कि सत्र कहां कराना है ये सरकार को ही तय करना है,मुख्यमंत्री का कहना कि गैरसैंण में सर्दियों में सत्र कराने का अनुभव सही नहीं रहा है,कई विधायकों की उम्र अधिक है इसलिए उनकी बात को ध्यान में रखा गया।

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